by geetaadmin | May 5, 2022 | Hindi
" गीता माता " 🙏🙏 भगवत गीता देशकाल से परे का ग्रंथ है | आज के युग की संकीर्ण मानसिकता को विकसित करने वाला महान प्रकाश स्तंभ है | भूमिका बताकर भगवान की दिव्य वाणी को, सूर्य को दीपक से दिखलाने का एक बचकाना प्रयत्न होगा | हर्ष प्रतीत होता है कहते वक्त कि श्री...
by geetaadmin | May 5, 2022 | new
शास्त्र कहते हैं कि अठारह दिनों के महाभारत युद्ध में उस समय की पुरुष जनसंख्या का 80% सफाया हो गया था। युद्ध के अंत में एक दिन संजय कुरुक्षेत्र के उस स्थान पर गए जहां संसार का सबसे महानतम युद्ध हुआ था। तभी एक वृद्ध व्यक्ति ने वहां आकर धीमे और शांत स्वर में कहा,...
by geetaadmin | May 4, 2022 | English
प्रकृति में सबकी अपनी गति है, निर्धारित गंतव्य की दिशा में उस गति से लगातार चलते रहने से पथिक अपने लक्ष्य पर पहुँच ही जाता है। आवश्यकता यह है कि यात्रा के क्रम में मार्ग से भावुकता या अज्ञानता के कारण हुए स्वाभाविक भटकाव को पुनः सम्यक् कर लिया जाये। यात्रा के क्रम में...
by geetaadmin | May 4, 2022 | Hindi
साधन सम्पन्न का पतन होते ही समाज में उसकी असहनीय अप्रतिष्ठा होने लगती है। लोग पहले जितना उसका मान सम्मान और आदर सत्कार किया करते थे, उसी अनुपात से अवमानना करने लगते है। आदर पाकर अपमान मिलने पर कितनी पीड़ा कितना दुख और कितना आत्म संताप मिलता होगा, इसको तो कोई भुक्त...
by geetaadmin | May 4, 2022 | English
दुःख से लोग बहुत डरते हैं और चाहते है कि वह न आवे, फिर भी न चाहते हुए भी वह आ ही जाता है, इसमें महान ईश्वरीय प्रयोजन है। मनुष्य के अहंकार और दुर्भावों का शमन शोधन करने के लिए दुःख का आगमन ऐसी रामबाण औषधि की तरह साबित होता है जो पीने में कड़वी होते हुए भी व्याधि का नाश...